गीत नहीं तो साज ही सुन ले
सुरों की तह में छुपी आवाज ही सुन ले
शेर नहीं तो हवा का राग ही सुन ले
किसी दिल की दर्द भरी आवाज ही सुन ले
हवाओं में छुपा राज उसे ही सुन ले
सन्नाटे महज सन्नाटे ही नहीं
उनमें दबी अवाज ही सुन ले
मुझे नहीं तो ये भविष्यवाणी ही सुन ले
तबाह हो जाएगी धरती मां तेरे कारनामों से
हे मानव! अब कोई अच्छाई की राह भी चुन ले।।
सुरों की तह में छुपी आवाज ही सुन ले
शेर नहीं तो हवा का राग ही सुन ले
किसी दिल की दर्द भरी आवाज ही सुन ले
हवाओं में छुपा राज उसे ही सुन ले
सन्नाटे महज सन्नाटे ही नहीं
उनमें दबी अवाज ही सुन ले
मुझे नहीं तो ये भविष्यवाणी ही सुन ले
तबाह हो जाएगी धरती मां तेरे कारनामों से
हे मानव! अब कोई अच्छाई की राह भी चुन ले।।