खुदा करिश्मा कोई करने वाला है
पाप का घड़ा सायद भरने वाला है
तुम भी मत आवाज लगाना लम्हों को
वक्त भी अब चुपचाप गुजरने बाला है
इधर दिल की कश्ती लेकर क्यों आए
सागर में तूफान आने वाला है
अब तक जो जिंदा था हर इनसान में
कहते है इनसान वो मरने वाला है
चलो आखिरी बार उछान भरते है
धीरे-धीरे पेड़ हरा हो जाएगा
आखिरी पत्ता अभी झड़ने वाला है।।
पाप का घड़ा सायद भरने वाला है
तुम भी मत आवाज लगाना लम्हों को
वक्त भी अब चुपचाप गुजरने बाला है
इधर दिल की कश्ती लेकर क्यों आए
सागर में तूफान आने वाला है
अब तक जो जिंदा था हर इनसान में
कहते है इनसान वो मरने वाला है
चलो आखिरी बार उछान भरते है
धीरे-धीरे पेड़ हरा हो जाएगा
आखिरी पत्ता अभी झड़ने वाला है।।