Showing posts from September, 2011

एक लड़की

एक लड़की जो लगती थी अनजानी सी कभी, वही मुकद्दर से तकदीर मेरे पाक रातों की,फुलों सी हंसती है, वो गाती है कोयल सी, चांद से प्यारी है वो, सूरत की है भोली, जो मैं न करता उससे प्यार, तो बोलो क्या करता,... ... अब कर लिया है प्यार, तो हालात फिर वहीं है, ब…

दिव्यांशी शर्मा

मेरे बारे में

मेरे बारे में कोई राय कायम मत करना..... मेरा वक्त बदलेगा तुम्हारी राय बदल जाएगी....

दिव्यांशी शर्मा

तुम हिंदी

भाषा से कुछ अधिक हो तुम हिंदी रौशनी जहाँ पहुंची नहीं वहां की आवाज़ हो खेत खलिहान में जो गुनगुनाती हैं फसलें पोखरों में जो नहाती हैं भैसें ऐसे जीवन की तुम संगीत हो बहरी जब हो जाती है सत्ता उसे जगाने का तुम मूल मंत्र हो भाषा से कुछ अधिक जो तुम हिं…

दिव्यांशी शर्मा

कैसा राम राज्य आ गया है

कैसा राम राज्य आ गया है , ईस भारत में ! मानवता का धर्म खत्म हो गया ईस भारत में ! नैतिकता का पतन हो गया है ,ईस भारत में !जहा भी देखॊ सबकी अपनी मर्जी है ईस भारत में ! चोरो की भरमार पडी़ है , रिश्वत् खोरो की भरमार बडी़ है ईस भार…

दिव्यांशी शर्मा
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