एक लड़की जो लगती थी अनजानी सी कभी,
वही मुकद्दर से तकदीर मेरे पाक रातों
की,फुलों सी हंसती है, वो गाती है कोयल सी,
चांद से प्यारी है वो, सूरत की है भोली,
जो मैं न करता उससे प्यार, तो बोलो क्या करता,...
... अब कर लिया है प्यार, तो हालात फिर वहीं है,
बस मैं अकेला हूं, पास मेरे वो नहीं है।
बस मैं... अकेला हूं, पास मेरे वो ...नहीं है..........