Showing posts from June, 2010

वक्त...

खुदा करिश्मा कोई करने वाला है पाप का घड़ा सायद भरने वाला है तुम भी मत आवाज लगाना लम्हों को वक्त भी अब चुपचाप गुजरने बाला है इधर दिल की कश्ती लेकर क्यों आए सागर में तूफान आने वाला है अब तक जो जिंदा था हर इनसान में कहते है इनसान वो मरने वाला है चलो आखि…

दिव्यांशी शर्मा

... सुन ले

गीत नहीं तो साज ही सुन ले सुरों की तह में छुपी आवाज ही सुन ले शेर नहीं तो हवा का राग ही सुन ले किसी दिल की दर्द भरी आवाज ही सुन ले हवाओं में छुपा राज उसे ही सुन ले सन्नाटे महज सन्नाटे ही…

दिव्यांशी शर्मा

आखिर कैसे निपटा जाए नक्सलियों सें.....?

न क्सलवाद ऐसे गुमराह करने वाले सवाल भी खड़े कर रहा हैं कि क्या अब सरकार अपने ही लोगों के खिलाफ हथियार उठाएगी? क्या दंतेवाड़ा में शहीद हुए जवान किसी और ग्रह के रहने वाले थे? क्या इन जवानों के पास कोई मानवाधिकार नहीं होते? जो लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत…

दिव्यांशी शर्मा
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